Saturday, March 8, 2014

बुरा मानिये होली है..........

 बुरा मानिये होली है 

माघ गया फागुन लगा मचा चुनावी शोर । ताल ठोंक नेता भिड़े अजमाना है जोर ।।
मोदी राहुल सोनिया ममता माया और । जय ललिता जी केजरी इन पर करिये गौर ।।
लालू चारा चर रहे रंग हुआ बदरंग । घर नितीश का जल उठा गली-गली में जंग ।।
देवे गौड़ा दौड़ कर थामें हाथ करात । थर्ड-फोर्थ फुस-फुस हुये घिघिया रही जमात ।।
मियाँ मुलायम खीज में नोचें अपने बाल । डाँट रहे अखिलेश को उलट गयी जब चाल ।।
दुविधा बढी नवीन की असमंजस में राव । कैसे होगी दोस्ती रिसे पीठ का घाव ।।
मुश्किल में सिब्बल फँसे बीच चाँदनी चौक । पूँछ न सीधी हो सकी रहे भौंक पर भौंक ।।  
सोच रहे खुर्शीद अब एन.जी.ओ. की बात -- अगर "नपुंसक" ने कभी जड़ी पीठ पर लात -
ग़र बेग़म संग जेल में पड़ी बितानी रात--जन्नत से पुरखे सभी थूकें कहि " बदजात " ।।
गुम है हँसी मनीष की है शकील की बंद । राशिद भी बैरंग हैं पाल हुये जयचंद ।।
श्री प्रकाश बेनी तथा पुनिया बहुत उदास । दिग्गी को धिक्कार है रण में छोड़ी आस ।।
राज्य सभा में बैठकर मनमोहन के साथ ।" राहुल-मैडम"जप रहे रखे हाथ पर हाथ ।।
अजहर बब्बर खोजते नया सुरक्षित ठौर । बड़े-बड़े उड़ने लगे लगे आम पर बौर ।।
होली की शुभकामना कुछ तो बदले यार ! भ्रष्टाचारी जेल में कम हो भ्रष्टाचार ।।

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