Monday, October 20, 2014

मणिशंकर का टी स्टाल

चाँदी का चिम्मच लिये जन्में हैं जो लोग,उनको हरियाली दिखे और न व्यापे रोग।
मणिशंकर ने चाय का आफर कर स्टाल,तम्बू तक उड़वा दिया हुआ कमाल धमाल।
दो सौ छः तक से गिरा चौवालिस पर ग्राफ, सोचो क्यों आधा हुआ आधे से भी हाफ।
अपराधी अपराध जब करता नहीं कुबूल,जनता लतियाती उसे हिला डालती चूल।
दिल्ली हारी हार कर महाराष्ट्र पर रार,हरियाणा क्यों छिन गया समझ न आयी चाल।
जीजा जीजी सासजी चचा भतीजा चोर,सब मिल लूटें देश को मचा शोर पर शोर।
राजा कनिमोझी तथा कलमाडी व सहाय,लालू शीला अश्विनी अंसल बंसल राय।
मारन और चिदम्बरम औ अशोक चौहान,सबकी करनी का सदा जनता रखती ध्यान।
अपने हाथों में लिये मोदी मोदक तीन,मुँगेरी !!!! के देखिये सपने हुये हसीन ।
दिल्ली में तुरही बजी महाराष्ट्र में बीन,हरियाणा में देखिये बदल गया है सीन।
दीवाली पर देखिये अमित शाह का ढंग,मोदी से होली मिलें अरुण जेतली संग।
नितिन बजाते बाँसुरी सुषमा लिये गुलाल,उद्धव पिचकारी लिये करते सबको लाल।।