Sunday, February 5, 2017

समाजवादी सरकार

टू जी  पीकर खा गये  जो कोयला भंडार । उन्हें शरण देते दिखे खनन माफिया यार ।।
हैंडिल थामे हाथ में बैक सीट पर बैठ । परधानी का ख्वाब है पूँछ रहे हैं ऐँठ ।।
इशरत के पीछे खड़े तीस्ता का ले साथ । दो सूडो सेक्युलर चले दिये हाथ में हाथ ।।
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यारों,आ कर देखिये ये समाज का वाद । जाति धर्म को देख कर ये बाँटें हैं खाद ।।
कब्रगाह को मिल रहा सरकारी अनुदान । मरघट सब बदहाल हैं कोई न देता ध्यान ।।
अंधे बाँटे रेवड़ी अपनों को ही दें । चचा भतीजे भानजे जीजा बहना लें ।।
पीएसी में पुलिस में हर विभाग दरबार । ये समाजवादी करें एक जाति से प्यार ।।
सम्प्रदाय एक जाति से जिनको रहा लगाव । ठेंगा बाकी को दिखा करें शेष पर घाव ।।
चेयरमैनों से छिनी चेयर भी दस बार । बात बात पर कोर्ट की ये पाते फटकार ।।
लँगड़ा कंधे पर चढ़ा अंधा लाठी थाम । चले चराने देश को भला करेंगें राम ।।