कोर्ट-कचेहरी वाला गुस्सा !
नये साल में नयी कहानी घटने वाली है,
इनकी मँहगी दाल कि उनकी पूरी काली है।
बड़ी पुरानी है यह गाड़ी पहिये गले हुये,
भ्रष्ट आचरण के हैं दीमक जिसमें लगे हुये।
टूजी कामनवेल्थ घोटाले पड़े पुराने हैं,
अब तो यंग इण्डिया तक में फँसे सयाने हैं।
सीएजी ने फिर से खोले नये घोटाले हैं,
कहाँ कहाँ भागेंगे बबुआ जीजा-साले हैं।
+ + +
कोर्ट-कचेहरी वाला गुस्सा संसद झेल रही,
खिसियानी बिल्ली-बिल्लों को जनता देख रही।
जनता ने धकिया कर जिनको किया किनारे है,
वही रोज हुड़दंग मचाते बहुत बिचारे हैं।
लेन देन में भी तो यारों नैतिकता रहती है!
राजनीति में धंधेबाजी जनता कब सहती है!!
बिन पेंदी के लोटे हैं ये उल्टी थाली हैं,
धरम न इनका कोई इनकी करनी काली है।
+ + +
इशरत की खुल रही कहानी तीस्ता कहाँ गयीं?
कहाँ गये इशरत के चाचा वृन्दा कहाँ गयीं??
कई घुटाले खुलने बाकी परदे उठने हैं,
टूट रहे हैं सपने सारे टूटे टखने हैं।
देखो सन् सोलह में क्या क्या होने वाला है!
कौन हँसेगा कौन बिचारा रोने वाला है!!
नये साल में नयी कहानी घटने वाली है,
इनकी मँहगी दाल कि उनकी पूरी काली है।
बड़ी पुरानी है यह गाड़ी पहिये गले हुये,
भ्रष्ट आचरण के हैं दीमक जिसमें लगे हुये।
टूजी कामनवेल्थ घोटाले पड़े पुराने हैं,
अब तो यंग इण्डिया तक में फँसे सयाने हैं।
सीएजी ने फिर से खोले नये घोटाले हैं,
कहाँ कहाँ भागेंगे बबुआ जीजा-साले हैं।
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कोर्ट-कचेहरी वाला गुस्सा संसद झेल रही,
खिसियानी बिल्ली-बिल्लों को जनता देख रही।
जनता ने धकिया कर जिनको किया किनारे है,
वही रोज हुड़दंग मचाते बहुत बिचारे हैं।
लेन देन में भी तो यारों नैतिकता रहती है!
राजनीति में धंधेबाजी जनता कब सहती है!!
बिन पेंदी के लोटे हैं ये उल्टी थाली हैं,
धरम न इनका कोई इनकी करनी काली है।
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इशरत की खुल रही कहानी तीस्ता कहाँ गयीं?
कहाँ गये इशरत के चाचा वृन्दा कहाँ गयीं??
कई घुटाले खुलने बाकी परदे उठने हैं,
टूट रहे हैं सपने सारे टूटे टखने हैं।
देखो सन् सोलह में क्या क्या होने वाला है!
कौन हँसेगा कौन बिचारा रोने वाला है!!
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