Sunday, January 12, 2020


सी ए ए, एन आर पी, एन आर सी

                                                                नववर्ष  2020
सभी मित्रों अमित्रों को नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ,
नये साल में नये ढंग से उठते नये सवालों से,सावधान रहना है यारों,नंगे रंगे सियारों से।
मानवता का झंडा थामे नये नये नक्कालों से,सावधान रहना है हमको राष्ट्रविरोधी चालों से।।
टुकड़े टुकड़े गैंग बनाकर देश तोड़ने वालों से,सावधान रहना है हमको नक्सलवादी चालों से।
सावधान रहना है हमको रोमीला इरफानों से,झूठ खूब बेचा है जिनने उन सारे बेइमानों से।।



















































                                   ( CAA,NRP,NRC ) सीएए,एनआरपी,एनआरसी

सीएए पर झूठ परोसें जनगणना पर रोते हैं,राष्ट्र राष्ट्रीयता की बातें जो हल्के में लेते हैं।
जिन्हें रोहिंग्या बंगलादेशी बहुत दुलारे लगते हैं,कान खोलकर सुनलो हम तो बस अपनों पर मरते हैं।          हिन्दू मुसल्मान या जैनी सिक्ख पारसी क्रिस्तानी,भाई हैं सब इन्हें लड़ाते भड़काते हैं अज्ञानी।
सिर पटको या करो सुसाइड हमें न हल्के में लेना,नेहरू का यह नहीं जमाना हमें न अब धमकी देना।
देश ये उनका वही रहेंगे जिनको इससे है नाता,इसे धर्मशाला मत समझो यह अपनी भारत माता।
इसका जिसने दूध पिया है वही यहाँ रह पायेगा,जो भारत माँ की जय बोले वही शरण भी पायेगा।
अरे, प्रताड़ित हैं जो पाकी बंगलादेशी अफगानी,सी ए ए में वही रहेंगे नहीं चलेगी मनमानी।।





Wednesday, March 20, 2019

23 मई 2019 को होली फिरसे मनायेंगें



चलो 23 मई को होली फिरसे मनायेंगें
फाग गायेंगें
राहुल यदि अमेठी से जीतकर आते हैं
तो
माया अखिलेश ही श्रेय पायेंगें
अस्सी में साठ जीते अमित शाह
तो
सभी लोग छुटभैयों को गरियायेंगें
राहुल और प्रियंका को बचायेंगें
543 में 280 भाजपा ने
और
350 एनडीए ने बटोरीं
तो
बापू खुश हो जायेंगें
राहुल प्रियंका सोनिया
तब
चाहे जितना जोर लगालें
चालीस पार नहीं कर पायेंगें।
चलो 23 मई को फिरसे होली मनायेंगें
फगुआ गायेंगें।
मोदी यदि फिरसे चौकीदारी पागये
तो
माल्या नीरव और चौकसी की
चौकी निकलवायेंगें
किसको कितना खिलाया
सच के साथ सब उगलवायेंगें
मोदी शर्तिया कमीशन खायेंगें
36 नहीं 136 राफेल लायेंगें
सेना का मनोबल बढ़ायेंगें
और
पाक को बार बार सबक सिखायेंगे
तब
सेना पर 130 करोड़ लोग बलिहारी जायेंगें
भारत को तीसरी आर्थिकशक्ति बनायेंगें
अधूरे रह गये सपनों को पंख लगायेंगें
भ्रष्टों से कोशिश भर देश को बचायेंगें।
चलो 23 मई को फिरसे होली मनायेंगें
फगुआ गायेंगें।
प्रधान सेवक बन गये मोदी
तो
रोज रोज जमानत लेकर ऐश करनेके भी
राज खोलेंगें
बेनामी कमाई और आय से अधिक
सम्पत्तियों पर नकेल लगायेंगें
370 का समाधान निकालेंगें
स्वच्छता के प्रतिमान बनायेंगें
सेवकाई के नये गुर बतायेंगें
सबके साथ सबके विकास का
अपना धर्म फिरसे निभायेंगें
अपना धर्म फिरसे निभायेंगें।।
चलो 23 मई को फिरसे होली मनायेंगें।
फगुआ गायेंगें।।


Saturday, December 22, 2018

नव वर्ष 2019

नये वर्ष में हर्ष से गले मिलें सब लोग,हों प्रसन्न हँसते रहें मिटें सभी के रोग।
कर्ज मुक्त हों कृषकजन,भगवामुक्त प्रदेश,पप्पू घर घर जन्म लें फैलाओ संदेश।

ए.जे.एल. को दान में मिले जमीन मकान,नगर डगर वाड्रा बसें ऐसा बने विधान।
अ सहिष्णुता देखिये गर्दन रही उठाय,मियाँ नसीरुद्दीन की लगी देश को हाय ।

दुर्जन निकला देखिये जिसका सज्जन नाम,सरदारों के कत्ल का है जिसपर इल्जाम।
बीबी (नैना)को तंदूर में भूना जिसने यार,सजा भुगत कर आगया नाम सुशीलकुमार।

दोनों का दल एक है एक समान विचार,इक दुर्जन है दूसरा इस धरती पर भार।
नये साल में देखिये आगस्ता राफेल,कौन पास होगा मियाँ कौन रहेगा फेल।
(रागा होगा फेल या मोदी होंगे फेल।।)

नव वर्ष 2018

हार गये पर हार न मानें, छौंक रहे हैं शान।
जीते को हारा कहें अपना सीना तान।।
एक एक घर पीछे हटते प्यादे हुए निढाल।
राजा रानी हाथी धोड़े सब के सब बेहाल।।
औरों के कँधे पर चढ़ कर खुद को मानें वीर।
लक्ष्यहीन से चला रहे हैं आँख मूँद कर तीर।।
मणिशंकर सिब्बल से नेता जिनके खेवन हार।
उन्हें न दुश्मन पड़ें खोजने करने बंटाढार।।

दीपावली 2017

चलो दीप में स्नेह डाल कर उन्हें जलालें,धरती पर आकाश उतारें शीश झुका लें।
खील बताशे बाटें, मन का मैल मिटालें,सबका ही हो साथ सभी को सब अपना लें।
सब हों सुखी निरोगी सबकी निर्मल काया,सबका हो कल्याण धरा परिवार बना लें।।

जो धरती पर आग लगा कर करें तमाशा,उनको उनकी ही भाषा में मिले तमाचा।
शठ को शठ की तरह सजा हो भूल न जाना,लातों नाला भूत बात से कब है माना।
देश हमारा हमको प्यारा धरम जात बेमानी है,हम भारत माँ की सन्तानें भारत के सेनानी हैं।।

चलो होली (2017) मनाते हैं

।। चलो होली (2017) मनाते हैं ।।
चलो होली मनाते हैं/ सबसे पहले कानपुर के देशप्रेमी मो.सरताज़ को सलाम बजा लाते हैं / उन्हें गले लगाते हैं।
फिर  /सबका साथ सबका विकासकी समर्थक जनता को प्रणाम करते हैं / बाबा विश्वनाथ और सोमनाथ का दर्शन करते हैं/  'काम बोलता है'  का ढोल पीटने वालों तथा चारा चबानेवाले समधी का मान मर्दन करते हैं।

चलो/ फिर गुजरात चलते हैं / सैफई के सफारी में आये गुजरात के गिर के शेरों की तरह/ दो बैसाखनंदन लाते हैं/
एक पर पप्पू को तो एक पर 'कामबोलता अक्कू' को बिठाते हैं / दोनों के माथे पर चंदन और केसरिया गुलाल लगाते हैं/ मोदी के स्वच्छता अभियान की भावना के तहत/ एक के पीछे झब्बर और अय्यर को/ तो एक के पीछे
माल मालामाल को लगाते हैं।

 होली है तो अमर सिंह की बात भी बताते हैं/ जो पप्पू की खटिया खड़ी कराते हैं/ समाजवादियों की जड़ में मट्ठा डलवाते और उनको अब जड़से उखाड़ फेंकने की कसमें खाते हैं।

चलो /विजय की भंग पीकर गाने बजाने वालों की/ बारात सजाते हैं/ कीचड़ में कमल खिलाते हैं / सबके साथ सबके विकास का नगाड़ा बजाते हैं/
चलो होली मनाते हैं.......... चलो होली मनाते हैं।।/