Saturday, December 22, 2018

यूपी चुनाव 2017

लो पछुआ चलने लगा पत्ते गिरे तमाम। सिंहासन हिलने लगा सत्ता हुई धड़ाम ।।
वादे नारे शोरगुल क़ब्रगाह शमशान। जनता ने साबित किये सच्चे झूठे काम।।
टीपू औरंगजेब बन खूब रहे थे झूल। झूला टूटा डाल से गये हेकड़ी भूल।।
पंजे ने गर्दन पकड़ उनको दिया मरोड़। जनता घपले जानती लाखों लाख करोड़ ।।
आज़म अब्बू आज़मी गायत्री गोपाल। लो नरेश नन्दा फँसे अमरसिंह के जाल ।।
लालू की हँफनी बढ़ी हाँक रहे थे डींग। चारे से पेंचिश बढ़ी चाट रहे हैं हींग।।
बब्बर भी खप्पर लिये माँग रहे हैं भीख। मणिशंकर देने चले पप्पू जी को सीख -
हार जीत जीवन मरण समय समय की बात, अंधकार जितना घना उतना शुभ्र प्रभात ।।
दिग्गी राजा कह रहे बड़े पते की बात, बिन बदले आना नहीं जलदी नया प्रभात ।
पंजे ने गर्दन पकड़ उसको दिया मरोड़, घपले जनता जानती लाखों लाख करोड़ ।।
जाति धर्म सब भूल कर सबने मानी बात, अमित शाह मोदी मुदित पाकर सबका साथ।.
केसरिया होली हुई खिला कमल का फूल, बुआ और बबुआ गिरे दिखे चा़टते धूल।।




No comments:

Post a Comment